जासूस डेस्क
नई दिल्ली। देश के खिलाफ जासूसी करने पर एक पूर्व अभियंता को उसके करतूतों की सजा मिली है। ब्रह्मोस के लिए काम कर चुका यह इंजीनियर दुश्मन देश की खुफिया एजंसी के लिए काम कर रहा था।

जासूसी का मामला साबित होने पर महाराष्ट्र में नागपुर की जिला अदालत ने अभियंता निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि निशांत को पाकिस्तान की खुफिया एजंसी आइएसआइ जासूसी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। मुजरिम को अदालत के फैसले के मुताबिक 14 बरस तक सजा काटनी होगी। निशांत पर जुर्माना भी लगाया गया है।

क्या था आरोप
मुजरिम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के नागपुर मिसाइल सेंटर में तकनीकी अनुसंधान केंद्र में काम करता था। उस पर आरोप लगा कि वह आइएसआइ को तकनीकी जानकारी देता है। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि वह कोड गेम्स के जरिए ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी दुश्मन देश को दे रहा था।

यह जानकारी भी सामने आई कि निशांत अग्रवाल फेसबुक पर युवतियों के नाम वाले दो खाते यानी अकाउंट से संवाद करता था। उसे 2018 में सैन्य खुफिया प्रभाग और यूपी तथा महाराष्ट्र एटीएस ने साझा अभियान में गिरफ्तार किया था। तब उस समय आरोपी पर भारतीय दंड संहिता और सख्त शासकीय गोपनीयता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। निशांत को बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने पिछले साल अप्रैल में जमानत दे दी थी। अब नागपुर की जिला अदालत मे लंबी सुनवाई के बाद उम्रकैद सजा सुनाई और तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। 

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