जासूस डेस्क
नई दिल्ली। ज्यादातर देश अपने प्रतिद्वंद्वी देश के नागरिकों को अपना जासूस बनाने से पीछे नहीं हटते। ऐसे कई उदाहरण हंै। चीन की शातिराना जासूसी का मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन ने एक नया तरीका निकाला है। अब वह चीनी युगलों को एमआई 6 में भर्ती कर रहा है। चीन को जब यह पता चला तो इसने कड़ा रुख अपनाया। उसने जानकारी मिलते ही ब्रिटेन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमने जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है। चीन की आपत्ति के बाद ब्रिटेन के साथ उसका तनाव गहरा गया है।

चीन ने पिछले दिनों उसके नागरिकों को जासूस बनाने पर ब्रिटेन से कड़ी आपत्ति जताई। चीन की मुख्य खुफिया सेवा ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर बताया कि उसने जासूसी के एक गंभीर मामले का पर्दाफाश किया है। जासूसी के इस मामले में एक युवा युगल शामिल है। इन्हें ब्रिटेन की खुफिया एजंसी एमआई 6 ने भर्ती किया था। उनके पूरे नाम तो चीन ने नहीं बताए मगर उपनाम के रूप में वांग और झोऊ बताया।

चीन ने सुरक्षा मंत्रालय की ओर से जारी संदेश में कहा गया कि ब्रिटेन ने वांग से जासूसी कराई। वह साल 2015 में बतौर छात्र ब्रिटेन गया था। बाद में उसकी पत्नी भी वहां चली गई। चीन का आरोप है कि बाद में वांग को होटल और यात्रा खर्च के लिए पर्याप्त राशि दी गई। बताया गया कि वांग और उसकी पत्नी इससे पहले चीन में एक सरकारी एजंसी में काम करते थे। ये दोनों गोपनीय दस्तावेज की देखरेख करते थे। यहीं से तमाम सूचनाएं यह दंपति ब्रिटेन की खुफिया एजंसी को सौंप देता था। यह मामला सामने आते ही चीन ने जांच शुरू कर दी।

चीन के गंभीर आरोप के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया। इस घटनाक्रम के बाद ब्रिटेन ने संयम बरतते हुए कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की। अलबत्ता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की ओर से उनके प्रवक्ता डेव पेरेस की प्रतिक्रिया जरूर सामने आई, जिसमें उन्होंने कहा कि अपनी खुफिया एजंसी के काम पर टिप्पणी नहीं करना हमारे देश की नीति है।

अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या ब्रिटेन चीन युगलों से जासूसी करा रहा है। जबकि इसके इतर ब्रिटेन के अभियोजकों ने कई लोगों पर आरोप लगाया कि वे चीनी अधिकारियों के लिए जासूसी कर रहे हैं। इसके बाद चीन की ओर से जवाब आया कि ब्रिटेन उसके युवा दंपतियों से जासूसी करा रहा है। 

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