हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली। अकेलापन एक बीमारी है जिसका आपकी सेहत पर बहुत ही ज्यादा बुरा असर पड़ता है। अकेलेपन के शिकार लोग कई समस्याओं में फंस जाते हैं। इसमें सबसे बड़ा खतरा डिमेंशिया है। डिमेंशिया यानी मनोभ्रंश कई तरह के लक्षणों का एक समूह है। इसमें व्यक्ति किसी भी चीज को याद रख पाने में सक्षम नहीं रहता।
डिमेंशिया उम्रदराज लोगों में तब ज्यादा होती है, जब उनके बच्चे उन्हें अकेला छोड़ देते हैं। अधिक उम्र में लोग जब अकेलेपन के शिकार होते हैं तो उनकी याददाश्त कमजोर पड़ने लगती हैं। फिर धीरे-धीरे ये लोग अल्जाइमर या फिर डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
मानसिक रोग का खतरा
अकेलेपन की वजह से मानसिक रूप से भी बीमार होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। कई अध्ययनों में यह बात साबित हुई है कि बहुत दिनों तक अकेले रहने से लोग सायकोसिस जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
डिप्रेशन का खतरा
अकेलेपन से ग्रस्त व्यक्ति को डिप्रेशन का भी खतरा सबसे ज्यादा होता है। ऐसा कई शोधों में भी स्पष्ट हो चुका है। अकेलेपन की वजह से लोगों का आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगता है और उनमें बिना मतलब गुस्सा और चिड़चिड़ापन दिखने लगता है।
अनिद्रा की समस्या
लंबे समय तक अकेला रहने से नींद से जुड़ी दिक्कतें सामने आने लगती हैं। साथ ही साथ आगे चल कर अनिद्रा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के हार्मोन्स पर बुरा असर पड़ता है जिससे मसल्स का ग्रोथ भी रुक जाता है।
जल्दी मरने का भय
कई शोधों में यह बताया गया है कि अकेलेपन की वजह से लोगों में मृत्यु का भय काफी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे लोग समाज से बिल्कुल अलग थलग पड़ जाते हैं और वे सिगरेट शराब या नशा का सेवन ज्यादा करने लगते हैं। इस वजह से उनके मृत्यु की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।
फिर क्या करें ?
सबसे पहले तो अकेलापन के शिकार लोग अपने आसपास कुछ अच्छे दोस्त बनाएं। दूसरों की मदद करें। अपने पसंद का पेट्स घर ले आएं। सोशल मीडिया की बजाय वास्तविक जीवन में रहें। दूर हो चुके दोस्तों से दोबारा जुड़ने की कोशिश करें। अकेलेपन के कारण का कारण पता लगाएं। अपनी कला को सामने लाएं और उसे प्रदर्शित करें। संगीत का सहारा लें। जरूरी हो तो मनोचिकित्सक से परामर्श लें। किसी अच्छे होमियोपैथिक चिकित्सक के संपर्क में रहें।
(निमहान्स, बंगलुरू के सौजन्य से हील की पहल)