साहित्य संपादक
नई दिल्ली। गौरव पांडेय के काव्य संग्रह ‘स्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी’ को साहित्य  अकादेमी  ने 2024 के युवा पुरस्कार के लिए चुना है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में 26 दिसंबर 1991 में जन्मे गौरव पिछले कुछ सालों में अपनी कई कविताओं के लिए चर्चित रहे हैं। शहर में भूख, मां गौरैया होती है, पिता इंतजार कर रहे हैं आदि कविताएं बेहद सराही गई।

इसी तरह अकादेमी ने अंग्रेजी में के. वैशाली के संस्मरण ‘होमलेस : ग्रोइंग अप लेस्बियन एंड डिस्लेक्सिक इन इंडिया’ को पुरस्कार के लिए चुना है। पिछले दिनों साहित्य अकादेमी ने 23 युवा लेखकों की पुस्तकों और 24 बाल साहित्यकारों को पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की।

साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी मंडल की बैठक में इस साल के युवा और बाल साहित्य पुरस्कारों के लिए लेखकों का चयन किया गया। संस्कृत में युवा पुरस्कार की घोषणा बाद में होगी।

साहित्य अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक की अध्यक्षता माधव कौशिक ने की। इसमें पुरस्कार के लिए 23 लेखकों के चयन की मंजूरी दी गई। इनका चयन संबंधित भाषा में तीन-तीन सदस्यों वाले चयन मंडल की सिफारिशों और तय प्रक्रिया के आधार पर किया गया।

युवा पुरस्कार दस काव्य संग्रहों को मिला है। इनमें हिंदी में गौरव पांडेय का काव्य संग्रह ‘स्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी’ शामिल है। इसके अलावा सात लघु कथा संग्रहों, दो लेख, एक निबंध संग्रह, एक उपन्यास, एक गजल संग्रह और एक संस्मरण को युवा पुरस्कार के लिए चुना गया है। पंजाबी में काव्य संग्रह खत ‘जो लिखणो’ को पुरस्कार के लिए चुना गया है। इसके रचनाकार रणधीर हैं। वहीं उर्दू के लिए जावेद अंबर मिस्बाही के कहानी संग्रह ‘स्टेपनी’ को युवा पुरस्कार के लिए चुना गया है।

बाल साहित्य के लिए हिंदी खंड में देवेंद्र कुमार की पुस्तक ‘इकयावन बाल कहानियां’ और अंग्रेजी में नंदिनी सेनगुप्ता की किताब ‘द ब्लू हॉर्स एंड अदर अमेजिंग एनिमल्स स्टोरीज फ्रॉम इंडियन हिस्ट्री’ को पुरस्कार के लिए चुना गया है। जबकि उर्दू के लिए शम्सुल इस्लाम फारुकी के कहानी संग्रह ‘बर्फ का देश अंटार्कटिका’ को पुरस्कार दिया गया है। वहीं पंजाबी के लिए कुलदीप सिंह दीप के नाटक मैं जालियाबाग बोलदा हां’ को चुना गया है। 

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