जासूस डेस्क
नई दिल्ली। जो खुद जासूस हो मगर दुश्मन देश के लिए वह जासूसी करने लगे तो हैरत होती है। सीआइए का एक अधिकारी तीन दशक तक चीन के लिए जासूसी करता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। आखिरकार वह पकड़ा गया। लंबी सुनवाई के बाद होनोलुलु की संघीय अदालत ने उनसे अपराध कबूल कर लिया। एफबीआइ का यह पूर्व अधिकारी अनुबंध पर भाषाविद् का काम भी करता था। बहत्तर साल के अलेक्जेंडर अगस्त 2020 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह हिरासत में है।

अमेरिकी न्याय विभाग ने अदालती कार्यवाही के दौरान अलेक्जेंडर के खिलाफ जमा किए गए तमाम सबूत सामने रखे। इन सबूतों में एक वीडियो भी है। जिसमें आरोपी अपने एक रिश्तेदार के साथ है। और वे दोनों चीन के खुफिया अधिकारियों को वर्गीकृत जानकारी दे रहे हैं। अलेक्जेंडर के साथ उसका एक रिश्तेदार था, वह भी सीआइए का पूर्व अधिकारी रहा है। एक घंटे के इस वीडियो में अलेक्जेंडर खुफिया सूचना देने के बदले चीनी एजंटों से 50 हजार डालर गिनते हुए देख रहा है।

एक स्टिंग आपरेशन के दौरान आरोपी की गतिविधियां पकड़ में आईं। वह हजारों डालर लेते दिखा। चीनी खुफिया अधिकारी के रूप में प्रस्तुत अंडरकवर एफबीआइ एजंट के जाल में फंस गया था। अलेक्जेंडर के खिलाफ आरोपपत्र में कहा गया कि सीआइए के स्रोतों, परिसंपत्तियों, संचार व्यवस्था-परिचालन और अंतरराष्ट्रीय संचालन संबंधी जानकारियां चीनी जासूसों को दीं।

अभियोजकों ने अदालत में आरोपी के खिलाफ सबूतों के साथ कई दलीलें दीं और कहा कि एक विदेशी सरकार को अलेक्जेंडर ने रक्षा संबंधी कई जानकारियां दीं। इस मामले में उसे दस साल की सजा मिल सकती है। बताया गया कि सजा पर अंतिम फैसला 11 सितंबर 2024 को होगा। वैसे इस गंभीर मामले में आजीवन कारावास की सजा भी दी जा सकती है। अलेक्जेंडर के बारे में बताया गया है कि उसका जन्म हांगकांग में हुआ। साल 1968 में वह होनोलुलु चला गया था। फिर 1975 नें वह अमेरिकी नागरिक बन गया था।

अलेक्जेंडर 1982 में सीआइए में शामिल हुआ। कुछ समय बाद ही उसे विदेश में तैनात किया गया। मगर उसने छह साल बाद इस्तीफा दे दिया। आरोपी सीआइए में रहते हुए कई अहम सूचनाएं अपने पास रखता था। वह 2001 में हवाई लौटने से पहले शंघाई में भी रहा। उसे 2004 एफबीआई के होनोलुलु दफ्तर में अनुबंध के आधार पर भाषाविद् की नौकरी मिली। अभियोजकों ने कहा कि उसने अगले छह बरसों में वर्गीकृत दस्तावेजों की नकल की। उनकी तस्वीरें लीं। इन सभी को वह चीन ले जाता था। वहां से महंगे उपहार और हजारों डालर लेकर लौटता था।

अलेक्जेंडर ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उसे पता था कि चीनी खुफिया अधिकारियों को वह जो जानकारियां दे रहा है,  इससे अमेरिका को सामरिक रूप से नुकसान हो सकता है। और दुश्मन राष्ट्र को इससे मदद मिल सकती है। मगर लालच में जब कोई अंधा हो जाए तो क्या किया जा सकता है?  

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