हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली। ‘ड्रमस्टिक’ यानी सहजन को अंग्रेजी में मोरिंगा कहते हैं। सहजन में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। सहजन के कई फायदे हैं, जैसे इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। यह मधुमेह के रोगियों में फायदेमंद होता है, यह रक्त को साफ करता है, यह पाचन तंत्र दुरुस्त रखता है। यह लीवर को रोगों से बचाता है, कब्ज को नियंत्रित करता है, यह पेशाब संबंधित रोगों में दवा की तरह है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है, इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है।
सहजन यह शरीर को पुरानी बीमारियों से बचाता है, घाव भरने में मदद करता है। यह टाइफाइड बुखार में दवा की तरह है। यह थकान और कमजोरी दूर करता है, यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है।
सहजन के प्रत्येक भाग में मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक गुण होते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण पोषण संबंधी जड़ी बूटियों में से एक है। कई बरसों से सहजन का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में दवा के रूप में किया जाता है। सहजन की हाई न्यूट्रिशनल वैल्यू, जल धारण करने की क्षमता और शुद्धिकरण क्षमता के कारण विभिन्न बीमारियों के लिए यह उपयोगी और मददगार है।
सहजन महतत्त्वपूर्ण खनिज और पोषक तत्वों की बड़ी और दुर्लभ किस्म प्रदान करता है। सहजन के कंद, पत्ते, फूल, छाल, जड़ और बीज में भी बायोएक्टिव यौगिक होते हैं।
पोषक तत्व (मात्रा/100 ग्राम में)
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ऊर्जा 37 किलो कैलोरी
प्रोटीन 2.1 ग्राम
वसा 0.2 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 8.53 ग्राम
फाइबर 3.2 ग्राम
कैल्शियम 30 मिलीग्राम
आयरन 0.36 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 45 मिलीग्राम
फास्फोरस 50 मिलीग्राम
पोटेशियम 461 मिलीग्राम
सोडियम 42 मिलीग्राम
जिंक 0.45 मिलीग्राम
कॉपर 0.084 मिलीग्राम
मैंगनीज 0.259 मिलीग्राम
सेलेनियम 0.7 म्युग्राम
विटामिन सी 141 मिलीग्राम
थायमिन 0.053 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.074 मिलीग्राम
विटामिन बी 60.12 मिलीग्राम
फोलेट 44 मिलीग्राम
विटामिन ए 4 मिलीग्राम
(प्रति 100 ग्राम कच्चे सहजन के कंद (फली) में पोषण की मात्रा)
(साभार : हील इनिशिएटिव)