जासूस डेस्क
नई दिल्ली। कांगो ने जासूसी के आरोप में ताउम्र कैद की सजा पाए पोलैंड के एक नागरिक को रिहा कर दिया है। अब वह स्वदेश लौट गया है। यह जानकारी पोलैंड के शीर्ष राजनयिक ने दी।
पोलैंड के विदेश मंत्री राडेक सिकोर्स्की ने पिछले दिनों बताया कि कांगो ने उनके नागरिक को रिहा कर दिया है। उसे जासूसी के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। राडेक ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि मारिउड माजेव्स्की लौट आए हैं। विदेश मंत्री ने माजेव्स्की से फोन पर बात करते हुए अपना एक छोटा सा वीडियो भी जारी किया। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि माजेव्स्की इस समय यूरोप में कहां हैं?
पोलैंड के नागरिक माजेव्स्की को इस साल फरवरी में कांगो में हिरासत में लिया गया। उसे जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत में पेश किया गया। पिछले दिनों उसे ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई। माजेव्स्की पर आरोप है कि उसने संवेदनशील और राजनीतिक जगहों की तस्वीरें लीं और सैन्य गतिविधियों पर गुप्त नजर रखी। उसने मोबेंडो मिलिशिया के साथ अग्रिम पंक्ति में प्रवेश किया। यह मिलिशिया समूह दक्षिण पश्चिम कांगो में दंगे में शामिल रहा है।
उधर, पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि माजेव्स्की बेकसूर है। यहीं नहीं राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने पिछले सप्ताह कांगो के राष्ट्रपति फेलिस से फोन पर बात कर अपने नागरिक की रिहाई की मांग की थी। बता दें कि पोलैंड का कांगो में कोई राजनयिक मिशन नहीं है। पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कहा कि माजेव्स्की कोई जासूस नहीं है। वह ट्रैवलर क्लब का सदस्य है। वह जुनून से जीने वाला इंसान है। उसकी गलती यह है कि स्थानीय रीति-रिवाज के बारे में वह नहीं जानता था और उसका व्यवहार वहां के अनुकूल नहीं था।
कांगो मध्य अफ्रीका का छोटा सा देश है। वहां बरसों से उथल-पुथल मची हुई है। लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो दुनिया के सबसे अमीर देशों में रहा है। मगर गुलामी और भ्रष्टाचार ने इसे सबसे गरीब देशों में शामिल कर दिया। दुखद यह कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से यह देश आज भी हिंसा झेल रहा है। लाखों लोग भुखमरी के शिकार हैं। हजारों लोग कई बीमारियों के शिकार हैं। न जाने कितनी महिलाओं और लड़कियों पर जुल्म हुआ। पिछले दिनों इस देश की सेना ने बताया था कि उसने तख्ता पलट की साजिश को नाकाम कर दिया है। इस मामले में कुछ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। इनमें कई अमेरिकी नागरिक हैं।