जासूस डेस्क
नई दिल्ली। इसरो जासूसी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। यह मामला इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण से जुड़ा है, जिन्हें कथित रूप से जासूसी मामले में फंसाने की कोशिश की गई थी। इस मामले में अब सीबीआई ने दो पूर्व डीजीपी केरल के सिबी मैथ्यूज और गुजरात के आरबी श्रीकुमार कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए। इनके अलावा तीन और पुलिस पुलिस अफसरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।
साल 2021 में दर्ज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने अब जाकर पहल की है। उसने तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक मैथ्यूज के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जिन्होंने 1994 के इसरो जासूसी मामले की जांच करने वाले विशेष दल (एसआईटी) की अगुआई की थी। वहीं गुजरात के पुलिस महानिदेशक जो उस समय उस समय खुफिया ब्यूरो में उपनिदेशक थे, उनके खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इसी तरह एसआईबी (केरल) में तैनात पीएस जयप्रकाश, इंस्पेक्टर एस विजयन और तत्कालीन उपाधीक्षक केके जोशुआ के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल हुआ है।
अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इन सभी अफसरों पर कई धाराओं खासकर 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) धारा 330 (स्वीकारोक्ति के लिए चोट पहुंचाना) और 167 (झूठे दस्तावेज बनाना) के तहत आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि इसरो के वैज्ञानिक नारायण से संबंधित 1994 के जासूसी मामले में दोषी पुलिस अफसरों की भूमिका पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी जाए।
यह घटना कोई तीस साल पुरानी है। जब केरल पुलिस ने अक्तूबर 1994 में दो मामले दर्ज किए थे। इस संबंध में मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुवअनंतपुरम में पकड़ा गया था। उस पर आरोप था कि पाकिस्तान के लिए उसने इसरो के राकेट इंजन की गोपनीय तस्वीरें हासिल की थीं। इसके बाद इसरो में क्रायोजेनिक परियोजना के तत्कालीन निदेशक नंबी नारायण और उपनिदेशक डी शशिकुमार को हिरासत में ले लिया गया था। सीबीआई जांच में सभी आरोप झूठे पाए गए। इसरो जासूसी मामले में उस समय काफी तूल दिया गया था।
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दो पूर्व पुलिस महानिदेशकों के खिलाफ आरोपपत्र
तीन सेवानिवृत्त अफसरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल