साहित्य डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय कथा साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए लेखक जैफ्री आर्चर और अमीश त्रिपाठी आगे आए हैं। उन्होंने समकालीन भारतीय कथा साहित्य में प्रतिभाओं और भारतीय कथा में अहम योगदान देने वाली कला को बढ़ावा देने के लिए 25 हजार डालर का पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की है। पिछले दिनों उन्होंने ब्रिटेन स्थित इंडिया ग्लोबल फोरम (आइजीएफ) के उद्घाटन पर एक साथ आए दोनों लेखकों ने आइजीएफ आर्चर-अमीश अवार्ड फार लिटरेचर का एलान किया।
इस पुरस्कार के नामांकन की प्रक्रिया इसी वर्ष शुरू होगी। जबकि 2025 में प्रथम आईजीएफ लंदन सम्मेलन में पुरस्कार पाने वाले लेखक का एलान किया जाएगा। ब्रिटिश लेखक जैफ्री आर्चर ने कहा कि पुरस्कार किसी भी लेखक के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। क्योंकि उनकी रचनाधर्मिता को पहचान देते हैं। साथ ही यह विश्वास भी दिलाते हैं कि रचनाकर्म में दिन रात समर्पित लेखक अकेला नहीं है।
‘केन एंड एबेल’ और ‘द क्लिफ्टन क्रानिकल्स’ जैसी चर्चित पुस्तकों के लेखक ने लार्ड आर्चर ने कहा कि लेखन एक ऐसी क्रिया है जिसमें लेखक एक तरह से एकांत में रहता और अपनी दुनिया में खो जाता है। इसलिए जब दुनिया उसे किसी पुरस्कार के जरिए पहचानती है तो यह उसकी प्रतिभा की पहचान होती है। इस साहित्यिक पुरस्कार के संबंध में प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी ने कहा कि यह पुरस्कार कहानी कहने की कला को प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह पुरस्कार दूसरे पुरस्कारों से काफी अलग होगा। उन्होंने कहा कि इस अवार्ड के विजेता को आईजीएफ के अलग-अलग मंचों पर बुलाया जाएगा जहां वे दुनिया भर के लोगों के सामने अपने कार्य को प्रस्तुत कर सकेंगे। अपनी रचनात्मक यात्रा के बारे में बता सकेंगे। इस मौके पर आईजीएफ के संस्थापक मनोज लाडवा ने कहा कि पश्चिमी देशों के लोग भारत को लेकर क्या सोचते हैं और भारतीय क्या पढ़ते हैं और अपने देश को कैसे देखते हैं इसके बीच काफी बड़ा अंतर है।