हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली। अनेक अध्ययन बता रहे हैं कि खराब जीवनशैली के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। धूम्रपान, शराब पीने, जंक और ज्यादा कैमिकल वाले खाना खाने से इसके शुरूआती जोखिम बढ़ रहे हैं। मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल और व्यायाम नहीं करने और कम सक्रिय रहने के कारण भी किसी भी व्यक्ति में कैंसर का खतरा बढ़ता है।
भारत में, पेट का कैंसर, जिसे कभी-कभी गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है, पुरुषों में पांचवें और महिलाओं में सातवें स्थान पर है। यह दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। पिछले 40 साल में युवाओं में कैंसर के मामलों की संख्या में 30 फीसद की वृद्धि हुई है। भारत में, पिछले दस वर्षों में पेट के कैंसर का प्रसार धीरे-धीरे बढ़ा है। कई पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में पेट के कैंसर की घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक हैं।
कैंसर का मुख्य कारक मोटापा, मधुमेह, पर्यावरण प्रदूषण और लाल मांस और अतिरिक्त शर्करा से भरपूर डिब्बाबंद आहार और नींद की कमी आदि है। इनमें से कई प्रकार के कैंसर तो आहार और आंत में रहने वाले बैक्टीरिया, जिन्हें माइक्रो-बायोम कहा जाता है, की वजह से होते हैं।
वर्ल्ड कैंसर रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, भारत में अगले पांच सालों में कैंसर के मामलों की संख्या में 12 फीसद की बढ़त होगी। इसका मतलब यह है कि साल 2025 तक भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 15.69 लाख के पार निकल जाएगी जोकि इस समय 14 लाख से कम है।
कैंसर से बचने के लिए क्या करें ?
विशेषज्ञों के मुताबिक, कैंसर से बचने के लिए तंबाकू का इस्तेमाल बिलकुल बंद करना चाहिए। आईसीएमआर की रिपोर्ट में भी स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सिगरेट, चबाने वाले तंबाकू का इस्तेमाल तथा पैसिव स्मोकिंग यानी सिगरेट पीते हुए व्यक्ति के साथ खड़ा होना बेहद खतरनाक है। इसके साथ ही यह रिपोर्ट शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने की सलाह देती है और ज्यादा समय तक एक ही जगह बैठने से बचने की बात करती है।
इसके अलावा यह भी सुझाया गया है कि लोगों को कम नमक, कम चीनी और कम वसा युक्त खाने को तरजीह देनी चाहिए। इसके साथ ही प्रचुर मात्रा में हरी सब्जियां और ताजा फल आदि खाने चाहिए। आॅर्गेनिक सब्जियोंं, फलों और अनाज आदि के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। (डॉ. एके अरुण की पुस्तिका ‘कैंसर को समझना क्यों जरूरी है’ से साभार)