साहित्य डेस्क
नई दिल्ली। उस चोर ने कवि की कविताएं पढ़ी थीं। मगर जहां वह चोरी करने दो बार गया था, उसे पता नहीं था कि यह मराठी के विख्यात कवि नारायण सुर्वे का घर है। एक बार तो वह चोरी कर के निकल गया, मगर दूसरी बार गया तो पद्मश्री का सम्मान चिह्न देख कर वह आत्मग्लानि में डूब गया कि यह तो कवि सुर्वे घर है। इसके बाद जो उसने किया, उसकी चर्चा हो रही है।
यह घटना मुंबई की है। चोर सुर्वे के घर में सेंध लगा कर घुसा था। वह खाने-पीने की चीजें रसोई से उठाने के बाद दीवार पर लटका कीमती एलईडी टीवी भी ले गया। उस दौरन घर में कोई नहीं था तो वह दोबारा चोरी करने पहुंच गया। इस बार उसकी नजर सुर्वे को मिले सम्मान और प्रतीक चिह्नों पर पड़ गई। यह विख्यात मराठी कवि नारायण सुर्वे का घर है, ऐसा जान कर वह आत्मग्लानि में डूब गया। दरअसल, उसने सुर्वे की कविताएं कभी पढ़ी थीं।
आरोपी इसके बाद न केवल एलईडी टीवी वापस लेकर आया बल्कि एक पेज में माफीनामा भी लिखा। जिसमें उसने कहा है कि उसे नहीं पता था कि यह महान कवि सुर्वे का घर है। मालूम होता, तो चोरी नहीं करता। उसने यह भी लिखा कि वह एक-एक कर के सभी सामान लौटा देगा। चोरी की यह घटना पिछले दिनों रायगड के नेरल में हुई। पुलिस अब इस अनोखे मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि नारायण सुर्वे मराठी के बड़े कवियों से एक हैं। उनकी कई कृतियां चर्चित रही हैं। उन्हें साहित्य अकादेमी सम्मान मिला था। इसके अलावा उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा कबीर सम्मान और सोवियतलैंड नेहरू अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। सुर्वे ऐसे मराठी कवि हैं जिन्हें हिंदी में भी पढ़ा गया।