-रश्मि वैभव गर्ग

तुम ऐसे आना…
जैसे, कोई पुरवाई
आती है
लेकर मधुर एहसास।

तुम ऐसे आना…
जैसे, कोई  बदरी आती है,
बरस जाना,
जी भर कर…।  

फिर भर लूंगी
मैं तुमको अपनी अंजुरी में,
तुम सदा के लिए
मेरे हाथों में समा जाना…।

मैं इंतजार करूंगी
हर बारिश में,
हर  बूंद में…
हमेशा हमेशा के लिए,
तुम्हारी हो जाने के लिए!

आओगे न!

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *