हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली। डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण का मतलब शरीर में पानी की कमी। उल्टी आना, डायरिया, अत्यधिक पसीना और डाईयूरेटिक दवाओं के उपयोग से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। लोग प्यासा महसूस करते हैं और उन्हें पसीना और पेशाब आना कम हो सकता है। यदि डिहाइड्रेशन गंभीर हो, तो लोगों को चक्कर आ सकते हैं।

निर्जलीकरण के लक्षण
प्यास महसूस होना, पसीना आना कम होना, मूत्र कम आना और मुंह सूखना इत्यादि। देह में पानी कमी होने से त्वचा अपनी चमक खो देती है। इसलिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। शुष्क, चिपचिपा मुंह और प्यास महसूस होना शरीर में पानी की होने का संकेत है। आपके मुंह में ये शुष्क स्थितियां सांसों की दुर्गंध का गंभीर कारण बन सकती हैं।

क्या है नुकसान
पानी की कमी शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। ये न सिर्फ डिहाइड्रेशन का कारण बनती है बल्कि ये रक्त प्रवाह, लिवर और गुर्दे सबके कामकाज को प्रभावित करती है। इतना ही नहीं, ये कई अंगों की कमजोरी का भी कारण बन सकती है।

तो आखिर क्या खाएं?
कई फल और सब्जियों में मिनरल, नमक और चीनी की पर्याप्त मात्रा होती है जिन्हें खाने से डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती। आप तरबूज, अंगूर, संतरा, स्ट्रॉबेरी, खीरा, पपीता, चुकंदर, टमाटर और नारियल पानी आदि नियमित ले सकते हैं।
(स्रोत : हील इनिशिएटिव)    

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