जासूस डेस्क
नई दिल्ली। स्लोवेनिया में एक रूसी दंपति को जेल से रिहा कर दिया गया। इन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन्हें दोषी पाए जाने के बाद 19 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। इस दंपति को सजा पूरी हेने के बाद रिहा कर दिया गया। इसी के साथ स्लोवेनिया ने इनको देश छोड़ने का फरमान भी सुना दिया।
लुब्लियाना की अदालत ने उन्हें जासूसी और फर्म पंजीकृत करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के आरोप में सजा सुनाई गई। दंपति लुडविग और मारिया रोजा को स्लोवेनिया लौटने पर पाबंदी लगा दी गई। इन दोनों ने ऐसा जताया कि वे अर्जेंटीना के नागरिक हैं। इसी की आड़ में वे 2017 में स्लोवेनिया में बस गए। इन दोनों के नाम से नकली दस्तावेज थे। मारिया आॅनलाइन आर्ट गैलरी चलाती रही। खबरों में बताया गया कि इस दंपति का असली नाम आर्टेम विक्टोरिया और अन्ना डुल्टसेवा है। इन पर मुकदमा बंद कमरे में चलाया गया।
इस दंपति को दिसंबर 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दोनों रूसी जोड़े ने अपना अपराध कबूल कर लिया था। इन्हें 19 महीने जेल की सजा सुनाई गई। यह पहले ही सजा पूरी हो गई थी। लिहाजा उन्हें रिहा कर दिया गया। इस जोड़े ने नाटो देशों और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की यात्रा की थी। इन्होंने रूसी स्लीपर एजंटों की नकदी लाने के लिए स्लोवेनियाई राजधानी को अपना ठिकाना बनाया था।
खबरों के मुताबिक यह रूसी दंपति विदेशी खुफिया सेवा से जुड़ा था। यह खुफिया सेवा जासूसों की भर्ती करती रही है। फिर ये जासूस पश्चिमी देशों में नागरिक बन कर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। ये लुब्यिाना में एक अंतरराष्ट्रीय स्कूल में पढ़ते हैं।