इस माटी की शान लिखूं
-किरण यादव इस माटी की शान लिखूंवीरों का बलिदान लिखूंलिखने को जब कलम उठे बसभारत गौरवगान लिखूं इस माटी की शान लिखूं देश की आजादी की खातिरलाखों वीरों की कुर्बानीहँसते-हँसते…
जासूस जिंदा है, एक कदम है जासूसी लेखन की लुप्त हो रही विधा को जिंदा रखने का। आप भी इस प्रयास में हमारे हमकदम हो सकते हैं। यह खुला मंच है जिस पर आप अपना कोई लेख, कहानी, उपन्यास या कोई और अनुभव हमें इस पते jasooszindahai@gmail.com पर लिख कर भेज सकते हैं।
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जासूस डेस्कनई दिल्ली। एक समय था जब जूम ऐप का प्रयोग कई कारपोरेट कंपनियां करती थी। अब भी कुछ करती हैं। कोरोना काल में इस ऐप का खूब प्रयोग हुआ।…
- अमनदीप गुजराल ‘विम्मी’ खुद को पूरा का पूरा खर्च करने से पहलेहर बार बचा कर रखना थोड़ा साउस हाथ खर्च की तरहजो काम आता है आड़े वक्त... बोलने के…