जासूस डेस्क
नई दिल्ली। एक समय था जब जूम ऐप का प्रयोग कई कारपोरेट कंपनियां करती थी। अब भी कुछ करती हैं। कोरोना काल में इस ऐप का खूब प्रयोग हुआ। घर बैठे अधिकारियों के साथ मीटिंग हो जाती थी। बाद में ऐसा लगा कि यह सुरक्षित नहीं है तो इसके उपयोग को कुछ हद तक कम कर दिया गया। हालांकि दुनिया की कुछ सरकारें और हमारे यहां कुछ राज्य सरकारें इस एप्लीकेशन का प्रयोग करती आई हैं। इस जूम मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर न केवल चर्चा होती है बल्कि कई बड़े फैसले होते हैं, मगर अब सरकार को लगता है कि इससे जानकारियां लीक हो सकती हैं। इस अंदेशे को ध्यान में रखते हुए पिछले दिनों राजस्थान सरकार ने जूम ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया।  

राजस्थान में काफी समय से मुख्यमंत्री और मंत्री जूम एप्लीकेशन का प्रयोग कर रहे थे। यही नहीं कई विभागों के अधिकारी भी इसी ऐप के माध्यम से बैठक बुला रहे थे। लेकिन खबरें आ रही हैं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस एप्लीकेशन को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी। अब कोई बैठक जूम एप्लीकेशन पर नहीं होगी।

दरअसल, जूम मीटिंग एप्लीकेशन की उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं इस बात की भी जानकारी मिल रही कि इसके जरिए सरकारी सूचनाओं की सेंधमारी हो रही है। इसके बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आई। गृह मंत्रालय से निर्देश मिलने पर राज्य सरकार ने जूम ऐप से बैठक करने पर पाबंदी लगा दी।

कोरोना काल में जूम का बहुत उपयोग हुआ। दफ्तरों, मीडिया हाउसों, स्कूलों और तमाम कंपनियों में इसका खूब प्रयोग हुआ। पचास लोग जूम से जुड़ जाते थे। इससे स्कूलों की कक्षाएं भी लग जाती थीं। यह एप्लीकेशन आसान होने के कारण इसका सहजता से उपयोग किया गया। यह इतना आसान है कि मोबाइल पर भी जूम मीटिंग हो जाती है। राजस्थान सरकार के फैसले के बाद देर सवेर इसका कई जगह उपयोग बंद हो सकता है। अब सवाल यह है कि इसका दूसरा विकल्प क्या होगा?  

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