जासूस डेस्क
नई दिल्ली। आपके पास ई-मेल आता है। या आप किसी को ई-मेल भेजते हैं। मगर सोचिए क्या आपका कोई ई-मेल पढ़ तो नहीं रहा? कहीं आपके लिखे शब्दों की जासूसी तो नहीं हो रही है। यह सवाल तब उठे थे जब कोई तीन साल पहले भारत की एक छोटी सी आईटी फर्म द्वारा हैकिंग की सेवाएं देने की खबर आई। इस खबर ने मानो खलबली मचा दी। आरोप है कि इस आईटी कंपनी ने ई-मेल की जासूसी के लिए अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान दस हजार से ज्यादा ई-मेल में सेंध लगाई गई।  

नई दिल्ली में काम करने वाली इस फर्म ने तब अमेरिका के कई बड़े निवेशकों को ही नहीं, कई कंपनियों को भी निशाना बनाया था। खबरों के मुताबिक इस कंपनी के तीन कर्मियों और आनलाइन जुटाए गए सबूतों के आधार पर यह मामला सामने आया। इस कंपनी ने हैकिंग करने के आरोप को खाारिज कर दिया ता। वहीं इंटरनेट वॉचडॉग ग्रुप के अनुसंधानकर्ताओं को इस बात का यकीन है कि ई-मेल हैक करने में दिल्ली की आईटी कंपनी का हाथ था।  

वैसे ठेके पर दिया गया यह अब तक सबसे बड़े जासूसी अभियान था। आरोपी कंपनी ने उन ग्राहकों के नाम बताने से इनकार कर दिया कि जिन्होंने ई-मेल हैक करने करने संबंधी काम कथित रूप से सौंपे थे। खबरों के मुताबिक इस आईटी कंपनी की जांच अमेरिकी कानून के मुताबिक चली। हालांकि वहां के न्याय विभाग ने तब कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। (मीडिया की एक खबर पर आधारित)

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