हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली। दुनिया भर में मंकीपॉक्स का प्रकोप फैल रहा है। अफ्रीका से निकल कर यह वायरस यूरोप और अमेरिका तक पहुंच चुका है। भारत भी इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट से अछूता नहीं रहा है। हाल ही में, देश में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि एक व्यक्ति में इस वायरस के संक्रमण से जुड़े लक्षण दिखाई दिए हैं। मामला सामने आते ही मरीज को तुरंत आइसोलेट करके जरूरी जांच के लिए भेज दिया गया है।
इसके लक्षणों में बुखार, सूजी हुई लिम्फ नोड्स और दाने जो फफोले बन जाते हैं और फिर फूट जाते हैं। लक्षणों के प्रकट होने से लेकर 21 दिनों तक का समय होता है। लक्षणों की अवधि आम तौर पर दो से चार सप्ताह की होती है। हल्के लक्षण हो सकते हैं और यह बिना किसी लक्षण को जाने भी हो सकता है। बुखार और मांसपेशियों में दर्द, जिसके बाद सूजी हुई ग्रंथियां, एक ही चरण में घावों के साथ। मामले गंभीर हो सकते हैं, खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में लक्षण हो सकते है।
यह रोग मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है जो एक जूनोटिक वायरस है। यह संक्रमित जानवरों से संक्रमित मांस को संभालने या काटने या खरोंच से फैल सकता है। मानव-से-मानव संचरण संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ या दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से, छोटी बूंदों द्वारा भी हो सकता है। इस संक्रमण को लोग लक्षणों की शुरुआत से लेकर तब तक वायरस फैला सकते हैं जब तक कि सभी घाव ठीक न हो जाएं। (स्रोत : हील इनिशिएटिव)