जासूस डेस्क
नई दिल्ली। इजराइल और तुर्किए के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। तुर्किए ने पिछले दिनों मोसाद के वित्तीय नेटवर्क प्रमुख को गिरफ्तार एक तरह से चुनौती दी है। तीस अगस्त को इस्तांबुल की पुलिस ने लिरिडोन रेक्सहेपी को हिरासत में लिया था। इसके साथ ही पुलिस ने मोसाद के लिए काम कर रहे 33 दूसरे जासूसों को भी पकड़ा था। तुर्किए के इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है। बता दें कि इस साल मई में तुर्किए ने इजराइल के साथ अपना व्यापार संबंध तोड़ लिया था। राष्ट्रपति एर्दोगन ने इजराइल को नाजियों के समान बताया था।

खबरों के मुताबिक मोसाद के वित्तीय नेटवर्क के प्रमुख लिरिडोन रेक्सहेपी पिछले महीने तुर्किए पहुंचे थे। वहां की खुफिया एजंसी की उन पर पहले से ही नजर थी। पता चला कि लिरिडोन वेर्स्टन यूनियन के माध्यम से तुर्किए में अपने एजंटों की वित्तीय मदद कर रहे थे। लिरिडोन को फिलीस्तनी नेताओं की ड्रोन से निगरानी करने का दोषी पाया गया। बताया गया कि लिरिडोन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल कर लिया है।

मोसाद की खुफिया एजंसी एमआईटी ने अपनी जांच में पाया है कि लिरिडोन तुर्किए में अपने एजंटों को पूर्वी यूरोपीय देशों से धन पहुंचा रहे थे। यह भी पता चला कि कोसोवो से यह धन क्रिप्टोकरंसी के जरिए सीरिया के स्रोतों से भेजा जा रहा था। हमास पर तगड़े हमले के बाद तुर्किए के इजराइल से तल्ख रिश्ते हो गए हैं। इस बीच इजराइल के लिए जासूसी करने वाले 33 लोगों को भी तुर्किए की पुलिस ने पकड़ा। इससे पहले इसी साल फरवरी में मोसाद को गुप्त सूचनाएं देने वाले सात लोगों को पकड़ा गया था। इसके बाद अप्रैल में दो लोगों को पकड़ा गया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव दिन-प्रति दिन बढ़ता जा रहा है।

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