हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली। प्रकृति का संबंध हमारे जीवन से है। प्रकृति का अध्ययन, विज्ञान के अध्ययन का एक बड़ा हिस्सा है। यद्यपि मानव प्रकृति का हिस्सा है फिर भी मानवी क्रिया को प्राय: अन्य प्राकृतिक दृष्टि से अलग श्रेणी के रूप में समझा जाता है। प्रकृति के संपर्क में आने से आप भावनात्मक रूप से बेहतर महसूस करते हैं। यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है। यह रक्तचाप, हृदय गति और मांसपेशियों में तनाव को नियंत्रण में रखता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य शोधकर्ता स्टैमाटाकिस और मिशेल जैसे वैज्ञानिकों के अनुसार, इससे निश्चित ही मृत्यु दर भी कम होती है।
शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम के साथ शरीर को गुणवत्ता वाले काबोहाइड्रेट, बिना चर्बी वाला प्रोटीन, आवश्यक वसा और तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है। ये अतिरिक्त वजन बढ़ाने या वजन घटाने में प्रभावी होते है लेकिन ज्यादा स्वस्थ जीवनशैली भी बेहतर नींद और मन:स्थिति से जुड़ी हैं।
कोई दो राय नहीं कि अवसाद और तनाव से लड़ने में प्रकृति बहुत मददगार साबित होती है।
इससे मानसिक थकावट कम हो सकती है। प्रकृति में समय बिताने से अच्छी नींद आती है। आपके मूड को बेहतर बनाने में प्रकृति काफी कारगर है।
प्रकृति आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आपकी मदद करती है। प्राकृतिक क्षेत्र हमारी हवा को साफ करने, पानी को शुद्ध करने, भोजन और दवाओं का उत्पादन करने, रासायनिक और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं। यह सब प्रकृति हमें स्वत: उपलब्ध कराती है। इस कार्य को आप पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं कह सकते हैं। इसलिए प्रकृति का आदर करें। उसके बीच रहें और उसे बचाएं। (हील मीडिया से साभार)