जासूस डेस्क
नई दिल्ली। चीन की जासूसी से दुनिया भर के देश आतंकित रहते हैं। पिछले कुछ समय में कई देश चीन पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। न्यूजीलैंड ने हाल में एक रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया है कि उसके यहां चीन की दखलंदाजी बढ़ रही है। दरअसल, न्यूजीलैंड की सुरक्षा खुफिया सेवा (एनजेडएसआईएस) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में चीन को खुफिया मामले में चिंता का विषय बताया है।

खुफिया संबंधी न्यूजीलैंड की रिपोर्ट जारी होने के बाद एक तरफ चीन नाराज है, तो दूसरी ओर प्रभावित देश चिंता में है। ताजा रिपोर्ट से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव गहरा गया है। न्यूजीलैंड स्थित चीनी दूतावास ने रिपोर्ट को मनगढ़ंत और बेबुनियाद बताया है। उसने कहा कि न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन खतरा नहीं है। दूतावास ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि कुछ बड़ी शक्तियां दोनों देशों के रिश्ते को खराब करना चाहती हैं।

चीन पर जासूसी के लिए कई देश आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले जर्मनी भी गंभीर आरोप लगा चुका है। न्यूजीलैंड की रिपोर्ट में साफ जिक्र है कि चीन ने किस तरह स्थानीय समूहों से जुड़ने के लिए स्थानीय संगठनों का इस्तेमाल किया। नाम के लिए बनाए गए ये संगठन अक्सर सामुदायिक संगठन की तरह दिखते हैं, लेकिन उनकी दिशा और धन के स्रोत छिपे होते हैं। उधर, चीन ने जवाब में कहा है कि न्यूजीलैंड की विदेश नीति को अमेरिका प्रभावित कर रहा है।

बता दें कि चीन से गहरे व्यापारिक संबंध के बावजूद न्यूजीलैंड का उसके प्रति रुख बदला है। क्रिस्टोफर लक्सन के प्रधानमंत्री बनने के बाद न्यूजीलैंड की नीतियां बदली हैं। बावजूद इसके चीन उसका सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। लक्सन ने हाल में कहा था कि चीन प्रभावशाली देश है। मगर कुछ मुद्दों पर हमारे विचार अलग हैं। दोनों देशों के नैतिक मूल्यों में भी अंतर है।

* खुफिया संबंधी न्यूजीलैंड की रिपोर्ट जारी होने के बाद चीन नाराज

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