-सांवर अग्रवाल
आओ बच्चों प्यारे बच्चों,
इंद्रधनुष तुमको दिखलाएं,
कितने प्यारे रंग है इसके,
सब रंगों का मतलब समझाएं।
मैं ज्योति हूं, मैम तुम्हारी,
मुझे बच्चे अच्छे लगते हैं,
उन बच्चों को सुधारती हूं,
जो बहुत तंग करते हैं।
इंद्रधनुष है प्यारा अपना,
आसमान में आया देखो,
प्रकृति का ये रूप निराला,
सबका मन हर्षाया देखो।
भारी गर्मी पड़ रही थी,
बाहर निकलना मुश्किल था,
आसमान से पानी बरसा,
आज इंद्रधनुष का दिन था।
(लेखक असम के तिनसुकिया के निवासी हैं। कई बरसों से बाल कविताएं लिख रहे हैं।)